तुझको या तेरे नदीश, गिरि, वन को नमन करूँ, मैं ?
मेरे प्यारे देश ! देह या मन को नमन करूँ मैं ?
किसको नमन करूँ मैं भारत ? किसको नमन करूँ मैं ?
-------------- रामधारी सिंह दिनकर
संपूर्ण देशों से अधिक, किस देश का उत्कर्ष है
उसका कि जो ऋषि भूमि है, वह कौन, भारतवर्ष है
-------------- मैथली शरण गुप्त
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है
-------------- गोपाल दास नीरज
मेरे प्यारे देश ! देह या मन को नमन करूँ मैं ?
किसको नमन करूँ मैं भारत ? किसको नमन करूँ मैं ?
-------------- रामधारी सिंह दिनकर
संपूर्ण देशों से अधिक, किस देश का उत्कर्ष है
उसका कि जो ऋषि भूमि है, वह कौन, भारतवर्ष है
-------------- मैथली शरण गुप्त
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है
-------------- गोपाल दास नीरज
कदम कदम बढ़ाये जा - Anthem of नेताजी की आज़ाद हिन्द फ़ौज
कदम कदम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाये जा,
ये जिंदगी है क़ौम की, तू क़ौम पे लुटाये जा।
ये जिंदगी है क़ौम की, तू क़ौम पे लुटाये जा।
तू शेर-ए-हिन्द आगे बढ़, मरने से तू कभी न डर,
उड़ा के दुश्मनों का सर, जोश-ए-वतन बढ़ाये जा।
उड़ा के दुश्मनों का सर, जोश-ए-वतन बढ़ाये जा।
कदम कदम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाये जा।
ये जिंदगी है क़ौम की, तू क़ौम पे लुटाये जा।
ये जिंदगी है क़ौम की, तू क़ौम पे लुटाये जा।
--------------- कैप्टन राम सिंह