रंग देखे हज़ारों संसार में पर,
इक नयी दुनिया बनाऊँ, कामना है।
सामाजिक बन्धनों में हूँ बंधा पर,
कुछ क्रांतिकारी बदलाव लाऊँ, कामना है।
सदियों पुराने ढांचे में हूँ ढला पर,
इसी जनम में फिर नया जन्म लूँ मैं, कामना है।
माँ बाप को बेहद रुलाया हर मोड़ पर,
पर उन्हें मुस्कान की दावत खिलाऊँ, कामना है।
रूह को कत्ल मैंने किया है कई बार पर,
किसी की जिंदगी रौशन बनाऊं, कामना है।
ग़ैरों से लाखों मुलाकातें करी पर,
खुद से खुद का परिचय कराऊँ, कामना है।
------ ---- राजेश मीणा 'बुजेटा'
इक नयी दुनिया बनाऊँ, कामना है।
सामाजिक बन्धनों में हूँ बंधा पर,
कुछ क्रांतिकारी बदलाव लाऊँ, कामना है।
सदियों पुराने ढांचे में हूँ ढला पर,
इसी जनम में फिर नया जन्म लूँ मैं, कामना है।
माँ बाप को बेहद रुलाया हर मोड़ पर,
पर उन्हें मुस्कान की दावत खिलाऊँ, कामना है।
रूह को कत्ल मैंने किया है कई बार पर,
किसी की जिंदगी रौशन बनाऊं, कामना है।
ग़ैरों से लाखों मुलाकातें करी पर,
खुद से खुद का परिचय कराऊँ, कामना है।
------ ---- राजेश मीणा 'बुजेटा'
kamna hai, har kamna ho poori
ReplyDeletede sakun thodi si khushi
kya hua jo hai choti zindagi
ban chaya sab ko dun rahat
ho na mujhse koi ahat
sabko ho mujhse chahat
ashish badon ka mile mujhe
jee bhar pyar dun unhe
bas choti si zindagi me kar jaun ye
ALL THE BEST
Great Shobha :) and thanks for the wishes.
DeleteWonderful post! We will be linking to this great post on our website.
ReplyDeleteKeep up the good writing.
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