तू खुद की खोज में निकल
तू किसलिए हताश है?
तू चल तेरे वजूद की,
समय को भी तलाश है |
समय को भी तलाश है |
जो तुझसे लिपटी बेड़ियाँ,
समझ न इनको वस्त्र तू
जो तुझसे लिपटी बेड़ियाँ,
समझ न इनको वस्त्र तू
ये बेड़ियाँ पिघाल के,
बनाले इनको शस्त्र तू |
बनाले इनको शस्त्र तू |
तू किसलिए हताश है?
तू चल तेरे वजूद की,
समय को भी तलाश है |
समय को भी तलाश है |
जो तुझसे लिपटी बेड़ियाँ,
समझ न इनको वस्त्र तू
जो तुझसे लिपटी बेड़ियाँ,
समझ न इनको वस्त्र तू
ये बेड़ियाँ पिघाल के,
बनाले इनको शस्त्र तू |
बनाले इनको शस्त्र तू |
तू खुद की खोज में निकल
तू किसलिए हताश है?
तू चल तेरे वजूद की,
समय को भी तलाश है |
समय को भी तलाश है |
चरित्र जब पवित्र है,
तो क्यू है ये दशा तेरी,
चरित्र जब पवित्र है,
तो क्यू है ये दशा तेरी,
ये पापियों को हक़ नहीं,
की ले परीक्षा तेरी
की ले परीक्षा तेरी
तू खुद की खोज में निकल
तू किसलिए हताश है?
तू चल तेरे वजूद की,
समय को भी तलाश है |
समय को भी तलाश है |
तू खुद की खोज में निकल
तू किसलिए हताश है?
तू चल तेरे वजूद की,
समय को भी तलाश है |
समय को भी तलाश है |
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-----तनवीर गाज़ी। Shown as a poem in the Bollywood movie 'PINK', sung by PM.
तू किसलिए हताश है?
तू चल तेरे वजूद की,
समय को भी तलाश है |
समय को भी तलाश है |
चरित्र जब पवित्र है,
तो क्यू है ये दशा तेरी,
चरित्र जब पवित्र है,
तो क्यू है ये दशा तेरी,
ये पापियों को हक़ नहीं,
की ले परीक्षा तेरी
की ले परीक्षा तेरी
तू खुद की खोज में निकल
तू किसलिए हताश है?
तू चल तेरे वजूद की,
समय को भी तलाश है |
समय को भी तलाश है |
जला के भस्म कर उसे,
जो क्रूरता का जाल है
जला के भस्म कर उसे,
जो क्रूरता का जाल है
तू आरती की लौ नहीं,
तू क्रांति की मशाल है |
तू क्रांति की मशाल है |
तू खुद की खोज में निकल
तू किसलिए हताश है?
तू चल तेरे वजूद की,
समय को भी तलाश है |
समय को भी तलाश है |
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-----तनवीर गाज़ी। Shown as a poem in the Bollywood movie 'PINK', sung by PM.