यह कविता मैंने हमारी अकादमी में काव्य - समारोह में सुनाने के लिए लिखी थी । अतः मेरे बाहर के मित्रों को थोड़ी अटपटी लग सकती है । हालांकि मुझे उम्मीद है कि आप सब इसे पढ़ के आनंद लेंगे ।।
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इक दो साल पहले की, कहानी मैं सुनाता हूँ, (As the journey starts)
कि गुज़रा दौर से जो था, वो अफ़साना बताता हूँ।
कोई इंजीनियर बनता, कोई था मेडिसिन पढता, (I am an Engineer though!)
मगर पागल मैं बेचारा, भटकता दिल्ली जा पहुंचा। (Mukherjee Nagar in Delhi)
UPSC की तैयारी, बड़ी रोचक कहानी है, (No comments now!)
ये मेरा दिल नहीं कहता, ये हम सबकी जुबानी है।
जो हो गए पास तो समझो, बनी फिर जिंदगानी है,
गर जो fail हो गए तो, कोई coaching चलानी है। (This happens in Delhi!)
कोई DM कहता है, कोई बाबू समझता है, (My outside friends)
मगर O.T. की बेचैनी, तो बस O.T. समझता है। (Officer Trainee- our official
वहां सब लोग कहते है मेरी ऊँगली तो घी में है, name at the Academy)
मगर इस mess में हम सब, कोरी रोटी चबाते है।
मेरी आँखों में सपने है, मगर मैं सो नहीं सकता, (Coz, the wake up time is 5:30am)
रात को Net पे Chatting कभी मैं कर नहीं सकता। (Because internet is closed
वहां सब लोग कहते है मेरी जिंदगी मजे में है, down sharp at 11:00 pm)
काश उनसे मैं Polo-Ground के दो चक्कर करा सकता। (Every morning we have
to go down the hill to
this ground for PT)
कभी history पढ़ाते हैं, कभी वो law सिखाते हैं,
मगर हर class हम OTs सो सो कर बिताते हैं। (Sleep deprived, we are!)
अधूरी नींद है सबकी उन्हें मालूम है फिर भी,
मगर वो रोज़ हमको एक नया show-cause थमाते हैं। (Whenever we miss any
class, this is what
we get)
बहुत कुछ है कहा मैंने, बहुत कुछ है सुना तुमने,
मगर जो बात है दिल की, तुम्हे अब वो बताता हूँ।
भले हो लाख Universities, कोई Oxford, कोई Cambridge,
मगर इस दिल में अब केवल लबासना ही धडकता है। (LBSNAA-the acronym
of my Academy)
तो फिर ये शाम अब मैं बस तुम्हारे नाम करता हूँ,
शब्दों की इस लड़ी को मैं, समर्पित आज करता हूँ।
इसीके साथ अब सबको, अलविदा दोस्त कहता हूँ,
कोई गलती हो कविता में, तो sorry please कहता हूँ।।
----राजेश मीणा बुजेटा